सौभाग्य और समृद्धि के लिए शिव-पार्वती पूजन और झूला झूलकर व्रत पूरा करती हैं सुहागनें
Wednesday, 07 Aug 2024 00:00 am

The News Alert 24

हरियाली तीज एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन खासकर महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जो इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत करती हैं।

हरियाली तीज का महत्व

  1. शिव-पार्वती पूजा: इस दिन महिलाएं विशेष रूप से शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। शिव-पार्वती की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महिलाएं व्रत रखकर अपने परिवार की खुशहाली और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

  2. झूला झूलना: हरियाली तीज के दिन महिलाएं झूला झूलकर अपने व्रत को पूरा करती हैं। झूलने का यह पारंपरिक तरीका न केवल आनंद और खुशी लाता है, बल्कि यह शिव-पार्वती के प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है।

  3. सौभाग्य की कामना: इस दिन महिलाएं विशेष रूप से सजधज कर पूजा करती हैं और अपने सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं। यह दिन पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और उनके बीच प्रेम बढ़ाने का भी अवसर होता है।

हरियाली तीज कैसे मनाएं

  1. पूजन विधि: इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और ताजे वस्त्र पहनती हैं। इसके बाद वे घर के पूजा स्थान को सजाती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा में विशेष रूप से शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने और पार्वती माता को फूल चढ़ाने की परंपरा है।

  2. झूला सजाना: महिलाओं द्वारा झूला सजाया जाता है और उसमें झूलने की परंपरा निभाई जाती है। यह झूला आमतौर पर रंग-बिरंगे फूलों और लाइट्स से सजाया जाता है, जो वातावरण को हर्षित और उत्सवपूर्ण बना देता है।

  3. व्रत का पालन: महिलाएं दिनभर उपवासी रहकर व्रत करती हैं। व्रत के दौरान विशेष फल-फूल और मिठाइयों का सेवन किया जाता है और रात को चाँद देखकर व्रत समाप्त किया जाता है।

विशेष बातें

  1. पारंपरिक खाद्य पदार्थ: इस दिन महिलाएं विशेष पारंपरिक खाद्य पदार्थ तैयार करती हैं जैसे कि घेवर, पूरी और सब्ज़ी, जो इस पर्व की विशेषता को और बढ़ाते हैं।

  2. सांस्कृतिक आयोजन: कई जगहों पर इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है, जिसमें महिलाएं गीत गाकर और नृत्य करके इस पर्व को मनाती हैं।