शिवाजी की मूर्ति गिरने पर विपक्ष का हमला: फडणवीस ने कहा 'नौसेना की देखरेख में हुआ कार्य'
Tuesday, 27 Aug 2024 13:30 pm

The News Alert 24

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। विपक्ष ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं और लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया की निगरानी भारतीय नौसेना द्वारा की गई थी। आइए, जानते हैं कि इस पूरे मामले में क्या हुआ और क्या हैं विपक्ष के आरोप।

1. घटना का विवरण
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा, जो कि एक प्रमुख परियोजना का हिस्सा थी, अचानक गिर गई। इस घटना से न केवल स्थानीय जनता में रोष व्याप्त हुआ, बल्कि विपक्ष ने इसे राज्य सरकार की बड़ी लापरवाही बताया। विपक्षी दलों ने इसे एक बड़ी सुरक्षा चूक करार दिया और मांग की कि इसकी गहन जांच होनी चाहिए।

2. विपक्ष के आरोप और प्रतिक्रिया
विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस घटना से राज्य सरकार की कार्यक्षमता और परियोजनाओं के प्रति उनके रवैये पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से परियोजना की देखरेख में गंभीर लापरवाही बरती गई है, जिसके कारण यह घटना हुई। विपक्ष ने इस मुद्दे पर फडणवीस और उनकी सरकार को आड़े हाथों लिया और सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग की।

3. फडणवीस की सफाई
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस प्रक्रिया की निगरानी भारतीय नौसेना द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस परियोजना को पूरी गंभीरता से लिया और नेवी के विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कार्य किया गया था। फडणवीस ने यह भी कहा कि घटना की विस्तृत जांच की जाएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

4. नेवी की भूमिका
फडणवीस के बयान के बाद नेवी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि नेवी ने किस हद तक इस प्रक्रिया की देखरेख की थी और क्या वे पूरी तरह से जिम्मेदार थे। नेवी की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।

5. राजनीतिक असर
इस घटना का राजनीतिक असर भी व्यापक रूप से महसूस किया जा रहा है। विपक्ष इस मुद्दे को आगामी चुनावों में एक बड़े मुद्दे के रूप में देख रहा है। सरकार की छवि पर भी इस घटना का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब जनता और विपक्ष दोनों ही इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं।

6. सुरक्षा और प्रशासनिक चूक
प्रतिमा के गिरने से न केवल सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी कई खामियों की ओर इशारा किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों का पालन सख्ती से किया जाना चाहिए और किसी भी तरह की लापरवाही से बचना चाहिए।