अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने हाल ही में सीएनएन को दिए गए एक साक्षात्कार में अपने वैचारिक रुख में बदलाव का बचाव किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका और बाइडेन प्रशासन का यह कदम व्यापक मतदाता आधार तक पहुंचने और देश के प्रमुख मुद्दों को हल करने के लिए एक रणनीतिक बदलाव है।
कमला हैरिस ने इस साक्षात्कार में अपने राजनीतिक दृष्टिकोण में 'केंद्र' की ओर झुकाव के कारणों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अमेरिकी जनता के हर वर्ग की जरूरतों को पूरा करना है और इसी कारण उन्होंने अपनी नीतियों को केंद्र की ओर समायोजित किया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव "प्रगतिशील और मध्यमार्गी मतदाताओं के बीच की खाई को पाटने" के लिए जरूरी है।
हैरिस के इस वैचारिक बदलाव ने कई राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। चुनावों में हार या कम समर्थन से जूझ रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेता इस ओर बढ़ने को अपनी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। हैरिस ने कहा कि यह कदम अमेरिकी जनता के बीच विभाजन को कम करने और देश की साझा समस्याओं के समाधान के लिए एकजुटता बढ़ाने की दिशा में है।
सीएनएन साक्षात्कार में हैरिस ने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी और प्रशासन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आंतरिक स्तर पर, उनकी पार्टी को अपने ही समर्थकों के साथ संतुलन साधना होगा, खासकर प्रगतिशील समर्थकों के साथ, जो केंद्र की ओर झुकाव से असंतुष्ट हो सकते हैं। बाहरी स्तर पर, हैरिस ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी की ओर से तीखी आलोचनाओं और मीडिया के दबाव का सामना करने के बावजूद, वे अपने उद्देश्यों पर अडिग रहेंगी।
हैरिस ने जोर देकर कहा कि बाइडेन प्रशासन का लक्ष्य एक ऐसा अमेरिका बनाना है जो सभी के लिए समान अवसर प्रदान करे। उनका मानना है कि केंद्र की ओर बढ़ना नीतिगत निर्णयों को व्यापक और अधिक समावेशी बनाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन "एकता की भावना को पुनः स्थापित करने" की दिशा में काम कर रहे हैं और इसीलिए केंद्र की नीति अपनाई जा रही है।
हैरिस के इस रुख को लेकर रिपब्लिकन पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डेमोक्रेट्स का यह कदम केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया गया है और इससे उनके वास्तविक इरादों पर सवाल उठते हैं। रिपब्लिकन नेताओं का मानना है कि यह कदम राजनीतिक दृष्टिकोण को लचीला दिखाने का एक प्रयास है, जो मतदाताओं को भ्रमित कर सकता है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर भी हैरिस के इस बदलाव को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ प्रगतिशील नेता और समर्थक इसे डेमोक्रेटिक मूल्यों से समझौता मान रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी को अपनी प्रगतिशील जड़ों से हटना नहीं चाहिए और स्पष्ट और ठोस नीतियों पर टिके रहना चाहिए।
सीएनएन साक्षात्कार में, हैरिस ने कहा कि वे आलोचनाओं का स्वागत करती हैं और उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी का हर सदस्य और मतदाता इस वैचारिक बदलाव को समझे और इसका समर्थन करे। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी का ध्यान आने वाले चुनावों में एक मजबूत और व्यापक जनाधार बनाने पर होगा।
इस साक्षात्कार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कमला हैरिस और बाइडेन प्रशासन आने वाले दिनों में अपने राजनीतिक रणनीति में और भी बदलाव ला सकते हैं, ताकि वे अमेरिकी जनता के हर वर्ग की जरूरतों को पूरा कर सकें। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति कितनी सफल होती है और इसे अमेरिकी मतदाता कैसे ग्रहण करते हैं।