कोलकाता के चर्चित रेप-मर्डर केस में एक नई ऑडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें पीड़िता के माता-पिता और आरजी कर अस्पताल के बीच हुई शुरुआती बातचीत सुनी जा सकती है। यह क्लिप अस्पताल की लापरवाही और मामले को दबाने के प्रयासों की ओर इशारा करती है।
हाल ही में वायरल हुई इस ऑडियो क्लिप में, पीड़िता के माता-पिता को अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगते हुए सुना जा सकता है। कॉल में, माता-पिता यह जानना चाहते हैं कि उनकी बेटी के साथ क्या हुआ और उसे अस्पताल में किस स्थिति में लाया गया था। अस्पताल का स्टाफ बातचीत में अस्पष्ट उत्तर देते हुए सुना जा सकता है, जो संभावित चिकित्सा लापरवाही और मामले को दबाने की कोशिशों की ओर इशारा करता है।
माता-पिता की आवाज़ में गुस्सा और बेचैनी साफ़ झलक रही है। वे अस्पताल से सीधे और साफ़ जवाब मांगते हैं, लेकिन दूसरी ओर से बातचीत का अंदाज टालमटोल भरा होता है। इससे अस्पताल प्रशासन की संलिप्तता और उस रात की घटनाओं के बारे में जानकारी छिपाने की कोशिश का संकेत मिलता है।
यह ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोगों में आक्रोश पैदा कर रही है। ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद, लोगों का कहना है कि यह मामला केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि इसमें चिकित्सा लापरवाही और प्रशासनिक कवर-अप भी शामिल हो सकते हैं।
कई लोग इस क्लिप को जांच के लिए महत्वपूर्ण सबूत मान रहे हैं। यह भी मांग की जा रही है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
इस ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद आरजी कर अस्पताल के प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। अस्पताल ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पीड़िता के परिवार और समर्थकों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की थी।
ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए यह मामला और भी गंभीर हो गया है। इससे यह उम्मीद जगी है कि जांच में नए सुराग मिल सकते हैं और दोषियों को सजा दिलाने में मदद मिल सकती है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है, और इस घटना के खिलाफ कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी आवाज उठाई है।