आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में एक फार्मा यूनिट में लगी भीषण आग ने 17 लोगों की जान ले ली और 35 लोग घायल हो गए। घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं। राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
विजयनगरम जिले में स्थित सीनर्जीन एक्टिव इंग्रेडिएंट्स के रासायनिक संयंत्र में आग लगने की यह घटना सामने आई है। आग लगने के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स में यह संकेत मिल रहे हैं कि संयंत्र में सुरक्षा मानकों की कमी हो सकती है। आग लगने के बाद तुरंत ही स्थानीय प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया।
इस दर्दनाक हादसे में 17 लोगों की जान चली गई, जबकि 35 लोग घायल हो गए। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा घटनास्थल को सील कर दिया गया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के लिए ₹1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, और हम सुनिश्चित करेंगे कि इस मामले की पूरी तरह से जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।"
इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि फार्मा और रासायनिक उद्योगों में सुरक्षा उपायों को सख्त करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
प्रशासन ने घटना के बाद तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच से संकेत मिल रहे हैं कि संयंत्र में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई हो सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कई नागरिक संगठनों और औद्योगिक विशेषज्ञों ने इस घटना के बाद सुरक्षा मानकों को सख्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि औद्योगिक संयंत्रों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।