कंगना रनौत की आगामी फिल्म "इमरजेंसी," जो 1975-77 के दौरान भारत में लागू किए गए आपातकाल के राजनीतिक घटनाओं पर आधारित है, को देशभर में सिख समूहों से काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत ने किया है और इसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। फिल्म में कुछ संवेदनशील मुद्दों को उठाने के कारण, खासकर सिख समुदाय से जुड़ी घटनाओं के चित्रण के कारण, इस पर काफी विवाद खड़ा हो गया है।
"इमरजेंसी" एक राजनीतिक ड्रामा है जो भारत में इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक लगाए गए आपातकाल की विवादास्पद अवधि पर केंद्रित है। यह फिल्म इस दौरान हुए राजनीतिक उथल-पुथल, मानवाधिकार हनन, और नागरिक स्वतंत्रताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों को दर्शाती है। हालांकि, फिल्म में सिख समुदाय से संबंधित कुछ घटनाओं के चित्रण के कारण, इसे लेकर कड़ा विरोध हो रहा है।
1984 सिख दंगे और ऑपरेशन ब्लू स्टार का चित्रण:
फिल्म में कथित तौर पर 1984 के सिख विरोधी दंगों और ऑपरेशन ब्लू स्टार से संबंधित संवेदनशील घटनाओं को दर्शाया गया है, जो सिख समुदाय के लिए बहुत ही दर्दनाक अध्याय हैं। सिख समूहों का कहना है कि इन घटनाओं का चित्रण ऐतिहासिक रूप से गलत है और इससे भावनाएं और ध्रुवीकृत हो सकती हैं।
इतिहास के विकृत होने की चिंता:
कई सिख संगठनों का मानना है कि फिल्म सिख समुदाय की आपातकाल और इसके बाद के वर्षों के दौरान की स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत कर सकती है। उनका तर्क है कि इस तरह के एक दर्दनाक समय का कोई भी गलत चित्रण पीड़ितों के लिए अन्याय होगा और इससे गलतफहमियां बढ़ सकती हैं।
प्रतिबंध या बदलाव की मांग:
कई सिख समूहों और नेताओं ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है जब तक कि इसे इस तरह से नहीं बदला जाता कि यह समुदाय की भावनाओं को आहत न करे। कुछ नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी चिंताओं को हल नहीं किया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सिख इतिहास के प्रति संवेदनशीलता की कमी:
सिख समुदाय अपनी इतिहास और संघर्षों के चित्रण के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है। उनका मानना है कि फिल्म के निर्माताओं ने घटनाओं को निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत करने के लिए इतिहासकारों या सिख विद्वानों से पर्याप्त परामर्श नहीं लिया है।
कंगना रनौत का राजनीतिक रुख:
कंगना रनौत अपने बेबाक विचारों और मजबूत राजनीतिक रुख के लिए जानी जाती हैं, जो कुछ लोगों का मानना है कि कुछ वैचारिक दृष्टिकोणों के साथ मेल खाते हैं। इंदिरा गांधी की उनकी भूमिका, जो सिखों के खिलाफ विवादास्पद कार्रवाइयों से जुड़ी हैं, ने चिंताओं को जन्म दिया है कि फिल्म एकतरफा हो सकती है।
कंगना रनौत ने इस बैकलैश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि "इमरजेंसी" एक कला का काम है जिसका उद्देश्य इतिहास को बिना किसी पक्षपात के चित्रित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म किसी विशेष समुदाय को लक्षित नहीं करती है, बल्कि उस समय की राजनीतिक उथल-पुथल पर केंद्रित है। हालांकि, उन्होंने सिख समूहों द्वारा किए गए बदलाव या प्रतिबंध की मांगों पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
फिल्म निर्माताओं को सिख नेताओं और संगठनों के साथ उनके चिंताओं को दूर करने के लिए बातचीत करनी पड़ सकती है और आगे के विरोध से बचने के लिए कोई समाधान निकालना पड़ सकता है। यह देखना बाकी है कि क्या फिल्म में कोई बदलाव किए जाएंगे या फिर इसे रिलीज से पहले कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।