हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने गठबंधन बनाने के लिए 'सिद्धांततः समझौता' कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह सहमति बनी है। इसका उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मजबूत गठबंधन तैयार करना है, जो राज्य में सत्ताधारी दल है।
सहमति के मुख्य बिंदु: यह समझौता सीटों के बंटवारे, संयुक्त चुनाव प्रचार और एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) पर आधारित है। हालांकि, सीटों के बंटवारे और अन्य तकनीकी मुद्दों पर अभी भी चर्चा जारी है।
चुनाव रणनीति: गठबंधन का उद्देश्य भाजपा के सामने एक सशक्त विपक्षी मोर्चा खड़ा करना है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियां अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी मजबूत पकड़ को देखते हुए सीटों का बंटवारा कर सकती हैं।
नेतृत्व की प्रतिक्रिया: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि आप के साथ गठबंधन राज्य की राजनीतिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया है। वहीं, आप के नेता भी इस गठबंधन को राज्य में राजनीतिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
चुनौतियां और संभावनाएं: हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच कुछ मुद्दों पर असहमति भी देखी जा रही है, जैसे कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा और सरकार बनने के बाद विभिन्न मंत्रालयों का बंटवारा कैसे होगा।
भाजपा की प्रतिक्रिया: हरियाणा भाजपा ने इस गठबंधन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे "अवसरवादी राजनीति" करार दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि जनता ऐसे गठबंधनों को नकार देगी जो सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए बनाए गए हैं।