केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में घुसपैठ की है और अवैध निर्माण किया है। इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए, रिजिजू ने कहा कि ये दावे पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं और भारतीय सीमा की सुरक्षा पूरी तरह चाक-चौबंद है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, जो स्वयं अरुणाचल प्रदेश से आते हैं और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता हैं, ने इन खबरों को "बेबुनियाद और भ्रामक" बताया। उन्होंने कहा, "भारत-चीन सीमा पर किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है। भारतीय सेना और सुरक्षा बल हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं हो सकती जिसे नजरअंदाज किया जाए।"
रिजिजू ने यह भी कहा कि कुछ तत्वों द्वारा जानबूझकर ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य लोगों के बीच भ्रम फैलाना और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े करना है। उन्होंने कहा कि भारत की सीमा सुरक्षा प्रणाली अत्यधिक मजबूत है और सुरक्षा बल हर स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हाल के वर्षों में, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर कई बार तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है, विशेषकर 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद। हालांकि, भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने सीमा पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है और किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया है।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सुरक्षा बल सीमा पर चौकस हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में अवैध निर्माण किया है और वहां अपनी सेना की तैनाती बढ़ाई है। इन खबरों के बाद विपक्षी दलों ने सरकार से स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा था।
रिजिजू के बयान के बाद इन रिपोर्ट्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स का कोई आधार नहीं है और सरकार के पास सीमा की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय मौजूद हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।
चीन अरुणाचल प्रदेश को "दक्षिण तिब्बत" के रूप में दावा करता रहा है, और समय-समय पर सीमा पर तनाव बढ़ाने के लिए ऐसे दावे करता रहता है। हालांकि, भारत ने हमेशा अपने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई भी समझौता न करने की बात कही है। भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।
भारत ने हर बार चीन के ऐसे दावों को खारिज किया है और स्पष्ट किया है कि भारतीय सुरक्षा बल किसी भी स्थिति में सीमा की सुरक्षा में कोई चूक नहीं करेंगे।
अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और रणनीतिक महत्व को देखते हुए, भारत ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा को और भी सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सड़क निर्माण, हवाई अड्डे के विस्तार, और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से, भारत ने इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को और भी मजबूत किया है।
रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। इस दिशा में किए गए प्रयासों से सीमा पर किसी भी संभावित घुसपैठ या अतिक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है।