सीरिया के राज्य मीडिया के अनुसार, इजरायल ने सीरिया के मध्य हिस्से में एक भीषण हवाई हमला किया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस हमले को क्षेत्रीय तनावों में एक नई वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल और सीरिया के बीच की स्थिति पहले से ही काफी तनावपूर्ण बनी हुई है।
सीरिया के राज्य समाचार एजेंसी 'सना' के मुताबिक, इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने सीरिया के होम्स प्रांत में कई मिसाइलें दागीं। इस हमले में सीरियाई सेना के ठिकानों और हथियारों के डिपो को निशाना बनाया गया। सीरियाई वायु रक्षा प्रणाली ने कुछ मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है, लेकिन कई मिसाइलें अपने लक्ष्यों को भेदने में सफल रहीं।
सीरिया के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमले में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हवाई हमले ने हमारे रक्षा प्रतिष्ठानों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है।" हालांकि, हताहतों की सही संख्या और नुकसान का आकलन अभी जारी है।
इजरायल ने आमतौर पर ऐसे हमलों के बारे में टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उसने पहले कई बार कहा है कि वह सीरिया में ईरान-समर्थित मिलिशिया और हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाता है। इजरायल का मानना है कि इन समूहों की उपस्थिति उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इजरायली सेना ने अतीत में सीरिया में कई हवाई हमले किए हैं, जिन्हें वह अपनी "पूर्व-खतरे को नष्ट करने" की नीति का हिस्सा मानता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल की इस रणनीति का उद्देश्य ईरान के सैन्य प्रभाव को सीमित करना है और यह सुनिश्चित करना है कि उसके पड़ोसी देशों में उसके खिलाफ कोई बड़ा सुरक्षा खतरा न उत्पन्न हो।
इस हमले ने एक बार फिर से मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है। सीरिया में हो रहे इजरायली हमलों पर ईरान और रूस जैसे देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ईरान, जो सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थक है, ने इस हमले की निंदा की है और इसे सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है।
रूस, जो सीरियाई सरकार का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति बनाए हुए है, ने भी इजरायल की इस कार्रवाई की निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम इजरायल के इस प्रकार के एकतरफा सैन्य अभियानों को अस्वीकार करते हैं जो क्षेत्रीय स्थिरता को और खतरे में डाल सकते हैं।"
सीरिया एक दशक से अधिक समय से गृहयुद्ध की चपेट में है, जिसमें सैकड़ों हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। इस संघर्ष ने क्षेत्र को पूरी तरह से अस्थिर कर दिया है, और मानवीय संकट ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इजरायल और सीरिया के बीच होने वाले ऐसे हमले केवल स्थिति को और जटिल बना देते हैं और शांति प्रयासों को धक्का पहुंचाते हैं।
सीरिया में वर्तमान हालात पहले से ही काफी खराब हैं। अस्पताल, स्कूल और अन्य बुनियादी ढांचे नष्ट हो चुके हैं, और लोग बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस हमले ने मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है।
मध्य पूर्व में इजरायल और सीरिया के बीच का यह ताजा हमला इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय तनाव अभी भी खत्म होने से बहुत दूर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन हमलों का सिलसिला जारी रहता है, तो इससे क्षेत्र में और भी बड़े पैमाने पर संघर्ष की संभावना बढ़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों ने बार-बार इस क्षेत्र में तनाव कम करने और शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने की अपील की है। हालांकि, इजरायल और सीरिया के बीच संबंधों में सुधार की संभावना अभी धूमिल नजर आ रही है।