सूर्य की पराबैंगनी (UV) विकिरण के अधिक संपर्क में आना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, लेकिन हालिया शोध से पता चलता है कि मध्यम मात्रा में सूर्य के UV विकिरण के संपर्क में आने से हमारे स्वास्थ्य को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं। UV विकिरण का सही और संतुलित उपयोग न केवल हमारे शरीर में विटामिन D के स्तर को बढ़ाता है, बल्कि यह हमारे मनोबल और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से हमारे शरीर में विटामिन D का उत्पादन होता है। विटामिन D हमारे हड्डियों की मजबूती, कैल्शियम के अवशोषण, और समग्र प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। कई अध्ययन बताते हैं कि पर्याप्त मात्रा में विटामिन D की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि हड्डियों का कमजोर होना, ऑस्टियोपोरोसिस, और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
सूर्य की UVB किरणें विशेष रूप से त्वचा में विटामिन D के उत्पादन को उत्तेजित करती हैं। नियमित रूप से सूर्य के प्रकाश में 10-30 मिनट का समय बिताना, विशेष रूप से सुबह के समय जब सूर्य की किरणें हल्की होती हैं, विटामिन D के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सूर्य के संपर्क में आने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जो एक 'फील-गुड' हार्मोन है और इसका सीधा संबंध मूड को बेहतर बनाने और अवसाद (डिप्रेशन) को कम करने से है।
कई मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जिन क्षेत्रों में सालभर कम धूप होती है, वहां के लोगों में मौसमी अवसाद (सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर) के मामले अधिक पाए जाते हैं। इसलिए, थोड़ी मात्रा में भी सूरज की रोशनी का संपर्क मूड को बेहतर बनाने और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
UV विकिरण का एक और लाभ यह है कि यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है। विटामिन D प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को प्रोत्साहित करता है और शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। कुछ शोधों के अनुसार, नियमित रूप से सूर्य की रोशनी में समय बिताने से हमारे शरीर के प्राकृतिक बचाव तंत्र को बढ़ावा मिलता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि UV विकिरण के अत्यधिक संपर्क में आने से त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे कि सनबर्न, त्वचा का कैंसर, और समय से पहले बुढ़ापा आना। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम उचित सनस्क्रीन, कपड़े, और सुरक्षा उपायों का उपयोग करें ताकि त्वचा को हानिकारक प्रभावों से बचाया जा सके।
मध्यम मात्रा में UV विकिरण, विशेष रूप से UVB विकिरण, त्वचा की कुछ स्थितियों जैसे कि सोरायसिस और विटिलिगो के इलाज में भी सहायक हो सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, नियंत्रित तरीके से UV विकिरण का उपयोग करने से त्वचा की सूजन और अन्य समस्याओं को कम किया जा सकता है।
जबकि सूर्य के UV विकिरण के कई फायदे हैं, इसके कुछ जोखिम भी हैं। लंबे समय तक सूर्य के संपर्क में रहने से त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, धूप में समय बिताने के दौरान कुछ सावधानियों का पालन करना जरूरी है:
सनस्क्रीन का उपयोग: SPF 30 या उससे अधिक के सनस्क्रीन का उपयोग करें और इसे हर दो घंटे में पुनः लगाएं।
शारीरिक सुरक्षा: धूप में निकलने पर हल्के और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और टोपी या छाते का उपयोग करें।
धूप का समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक धूप से बचें, जब सूर्य की किरणें सबसे तेज होती हैं।
धूप के चश्मे: UV प्रोटेक्शन वाले धूप के चश्मे का उपयोग करें ताकि आंखों को भी सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाया जा सके।