कोविड-19 महामारी के दौरान, वजन घटाने और शुगर नियंत्रण के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं जैसे सेमाग्लूटाइड (semaglutide) और अन्य GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। ये दवाएं मुख्य रूप से टाइप-2 मधुमेह और मोटापे से निपटने के लिए दी जाती हैं, लेकिन हाल के शोध से यह सवाल उठने लगा है कि क्या ये दवाएं कोविड-19 जैसी बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं?
सेमाग्लूटाइड और अन्य GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स का उपयोग वजन घटाने और ब्लड शुगर के नियंत्रण के लिए किया जाता है। ये दवाएं शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाती हैं और भूख को नियंत्रित करती हैं, जिससे लोग कम खाने लगते हैं और उनके वजन में कमी आती है। इसके साथ ही, ये दवाएं दिल से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकती हैं, खासकर उन लोगों में जो मोटापे या मधुमेह से जूझ रहे हैं।
मोटापा कोविड-19 संक्रमण का एक प्रमुख जोखिम कारक रहा है। जिन लोगों का वजन सामान्य से ज्यादा होता है, उनमें गंभीर कोविड-19 संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसके पीछे कारण यह है कि मोटापा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसके अलावा, मोटापा ब्लड शुगर और रक्तचाप को भी असंतुलित कर सकता है, जिससे कोविड-19 का असर और भी गंभीर हो सकता है।
हालांकि अभी इस पर सीमित शोध उपलब्ध है, कुछ अध्ययनों में संकेत मिला है कि वजन घटाने और ब्लड शुगर के बेहतर नियंत्रण से कोविड-19 से सुरक्षा में मदद मिल सकती है। वजन घटाने वाली दवाएं, जो शुगर के स्तर को नियंत्रित करती हैं और शरीर में सूजन को कम करती हैं, संभवतः प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बना सकती हैं। इससे कोविड-19 जैसे वायरसों से लड़ने की शरीर की क्षमता बढ़ सकती है।
वजन घटाने से दिल, फेफड़ों, और रक्तचाप की स्थिति में सुधार होता है, जो कोविड-19 के जोखिम को कम कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि वजन घटाने से शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है, जिससे संक्रमण से लड़ने की क्षमता मजबूत हो जाती है।
एक प्रमुख सिद्धांत यह है कि वजन घटाने वाली दवाएं शरीर में सूजन को कम करती हैं, जो कोविड-19 के गंभीर लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। कोविड-19 के गंभीर मामलों में सायटोकिन स्टॉर्म (cytokine storm) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो शरीर में अत्यधिक सूजन का कारण बनती है और अंगों को नुकसान पहुंचाती है। वजन घटाने वाली दवाओं का एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव सायटोकिन स्टॉर्म को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे कोविड-19 के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
सेमाग्लूटाइड और अन्य GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स पर किए गए अध्ययनों में यह देखा गया है कि ये दवाएं शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के अलावा वजन घटाने और हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने में भी मदद करती हैं।
हालांकि, अभी तक कोविड-19 से सुरक्षा के लिए इन दवाओं के प्रत्यक्ष लाभ पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि शुगर नियंत्रण और वजन घटाने से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है, जो कोविड-19 के खिलाफ शरीर की सुरक्षा क्षमता को बढ़ा सकता है।
यह भी देखा गया है कि मोटापे और टाइप-2 मधुमेह से ग्रस्त लोग, जो सेमाग्लूटाइड जैसी दवाएं ले रहे थे, उनमें कोविड-19 संक्रमण के गंभीर परिणाम कम देखने को मिले हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह लाभ सीधे तौर पर दवाओं के कारण है या वजन घटाने और शुगर नियंत्रण के कारण।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शुगर और वजन पर नियंत्रण से प्रतिरक्षा प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो शरीर को कोविड-19 और अन्य संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार करता है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वजन घटाने वाली दवाएं कोविड-19 से सुरक्षा के लिए एक मात्र उपाय नहीं हो सकती हैं। इनके लिए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण और मास्क पहनने जैसे अन्य उपायों का पालन भी जरूरी है। हालांकि, वजन घटाने और ब्लड शुगर नियंत्रण से निश्चित रूप से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को लाभ होता है, जो कोविड-19 जैसे वायरस से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है।