तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद, प्रसिद्ध 'तिरुपति लड्डू', जिसे भक्तगण अत्यंत श्रद्धा के साथ ग्रहण करते हैं, अब एक विवाद के केंद्र में है। इस विवाद का मुख्य कारण लड्डू में प्रयुक्त घी की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल हैं। इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन कर दिया है। समिति का काम लड्डू में इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता की जांच करना है ताकि इस प्रसाद की पवित्रता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भक्तों और स्थानीय लोगों ने लड्डू के स्वाद और गुणवत्ता में बदलाव की शिकायत की। उनका दावा है कि लड्डू में प्रयुक्त घी की गुणवत्ता पहले की तुलना में गिर गई है। घी तिरुपति लड्डू का एक महत्वपूर्ण घटक है, और इसके बिना लड्डू का पारंपरिक स्वाद और मान्यता अधूरी रहती है। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि घी के बदलने से लड्डू के स्वाद में भारी फर्क आया है, जिससे प्रसाद की पवित्रता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने घी की गुणवत्ता की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति में खाद्य विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनका काम घी के स्रोत, उसकी गुणवत्ता और उसकी प्रक्रिया की विस्तृत जांच करना है।
टीटीडी के एक अधिकारी ने कहा, "हमें भक्तों से लड्डू की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। तिरुपति लड्डू हमारे मंदिर का पवित्र प्रसाद है, और इसकी गुणवत्ता को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। इसलिए हमने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई है।"
समिति का मुख्य काम लड्डू में इस्तेमाल किए जा रहे घी का गहन परीक्षण करना होगा। इसमें घी के स्रोत, उसकी शुद्धता और गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इसके साथ ही समिति यह भी देखेगी कि घी की प्रक्रिया में कहीं कोई बदलाव तो नहीं हुआ है, जिससे लड्डू के स्वाद में अंतर आया हो।
टीटीडी ने यह भी स्पष्ट किया है कि लड्डू प्रसाद की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि भक्तों को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला प्रसाद ही मिलेगा, जैसा कि सदियों से होता आया है।
तिरुपति लड्डू, जिसे भक्तगण भगवान वेंकटेश्वर का प्रसाद मानते हैं, उसकी पवित्रता पर सवाल उठने से भक्तों के बीच नाराजगी फैल गई है। भक्तों का कहना है कि लड्डू का स्वाद मंदिर की पहचान है, और इसमें किसी भी तरह का बदलाव आस्था को प्रभावित कर सकता है।
अनेक भक्तों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी चिंता जताई है और टीटीडी से इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही, कुछ भक्तों ने यह भी सुझाव दिया कि घी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की व्यवस्था की जानी चाहिए।
टीटीडी ने भक्तों को आश्वस्त किया है कि समिति की जांच के बाद जल्द ही परिणाम सार्वजनिक किए जाएंगे, और यदि किसी प्रकार की गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, तो उसे तुरंत सुधारने के कदम उठाए जाएंगे। टीटीडी ने यह भी कहा कि लड्डू में प्रयुक्त घी का स्रोत पारंपरिक है और उसका नियमित परीक्षण किया जाता है।
तिरुपति लड्डू न केवल मंदिर का प्रसाद है, बल्कि यह मंदिर की प्रतिष्ठा और भक्तों की आस्था का प्रतीक भी है। हर साल लाखों लोग भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए तिरुपति आते हैं और लड्डू को अपने परिवार और प्रियजनों के लिए प्रसाद के रूप में लेकर जाते हैं। ऐसे में इस प्रसाद की गुणवत्ता को बनाए रखना टीटीडी की सर्वोच्च प्राथमिकता है।