प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में उच्च मतदान प्रतिशत की सराहना की है। उन्होंने इसे 'नया कश्मीर' के उदय का संकेत बताया, जहां लोकतंत्र फिर से मजबूत हो रहा है और जनता सक्रिय रूप से चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ले रही है। पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में बड़े राजनीतिक और संवैधानिक परिवर्तन हुए हैं, विशेष रूप से धारा 370 को हटाए जाने के बाद।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना करते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर में हाल के विधानसभा चुनावों में देखा गया उच्च मतदान प्रतिशत नया कश्मीर का प्रतिबिंब है। यह इस बात का प्रमाण है कि लोग अब बेहतर भविष्य के लिए अपनी भूमिका को समझ रहे हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।"
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में इस बार रिकॉर्ड स्तर पर मतदान हुआ है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों के मतदाता भी बड़े पैमाने पर मतदान केंद्रों पर पहुंचे। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि जम्मू-कश्मीर लंबे समय तक आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता से ग्रस्त रहा है।
2019 में धारा 370 हटाए जाने के बाद से, जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रियाओं में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार ने बार-बार कहा है कि धारा 370 का हटाया जाना राज्य के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगा और वहां की जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "नया कश्मीर अब लोकतंत्र, शांति और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। जनता ने यह दिखा दिया है कि वह अपनी नियति खुद तय करना चाहती है। यह चुनाव इस बात का प्रमाण है कि लोग एक शांतिपूर्ण और विकसित जम्मू-कश्मीर चाहते हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, उच्च मतदान से यह भी संकेत मिलता है कि जनता अब शांति और विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोग शांति और प्रगति चाहते हैं, और यह उच्च मतदान उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।"
पीएम मोदी का यह बयान एक बड़े राजनीतिक संदर्भ में आया है, जहां जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद कई प्रशासनिक और विकासात्मक सुधार किए गए हैं। इन चुनावों में जनता की भागीदारी को भी इन्हीं सुधारों की एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे प्रमुख रहे। बिजली, पानी, सड़क, रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित रहा। यह दिखाता है कि राज्य में धीरे-धीरे पारंपरिक मुद्दों से हटकर विकास और जनकल्याण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी कई बार 'नया कश्मीर' की परिकल्पना को रेखांकित किया है, जिसमें उन्होंने एक शांतिपूर्ण, विकसित, और स्थिर जम्मू-कश्मीर का सपना देखा है। उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद और अलगाववाद की छाया से बाहर निकलकर एक सकारात्मक भविष्य की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा, "नया कश्मीर का मतलब है ऐसा कश्मीर, जहां विकास हो, जहां शांति हो, और जहां हर नागरिक की आवाज सुनी जाए। उच्च मतदान यह दर्शाता है कि लोग अब विकास और शांति की ओर देख रहे हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने पहले ही कई योजनाओं की घोषणा की है, जो राज्य के समग्र विकास को गति देने के लिए हैं।
उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि सरकार जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य को एक नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।