कर्नाटक सरकार ने राज्य के मंदिरों में धार्मिक कार्यों के लिए केवल नंदिनी घी के उपयोग का निर्देश दिया है। यह निर्णय तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं में घी की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद के बीच आया है। तिरुपति लड्डू की गुणवत्ता को लेकर चल रहे विवाद के बाद, कर्नाटक सरकार ने अपने मंदिरों में केवल नंदिनी ब्रांड के घी का उपयोग करने का फरमान जारी किया है।
तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं में उपयोग किए जा रहे घी की गुणवत्ता पर हाल ही में सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। श्रद्धालुओं और धार्मिक संगठनों ने आरोप लगाया कि लड्डुओं में इस्तेमाल किया जाने वाला घी अपनी शुद्धता और गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतरता है। इस विवाद के कारण तिरुपति मंदिर प्रशासन को घी की आपूर्ति पर पुनर्विचार करना पड़ा।
कर्नाटक सरकार ने इस मामले पर ध्यान देते हुए राज्य के सभी मंदिरों को नंदिनी ब्रांड का घी ही उपयोग करने का निर्देश दिया है। नंदिनी घी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) द्वारा उत्पादित किया जाता है और राज्य में इसकी गुणवत्ता और शुद्धता को लेकर अच्छी प्रतिष्ठा है। सरकार के इस कदम को 'मेड इन कर्नाटक' उत्पादों को बढ़ावा देने के रूप में भी देखा जा रहा है।
सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों और प्रसाद तैयार करने के लिए नंदिनी घी का ही उपयोग किया जाए। इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिरों में उपयोग किया जाने वाला घी उच्च गुणवत्ता का हो और श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्थाओं पर कोई आंच न आए।
कर्नाटक के मंदिरों को इस संबंध में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे नंदिनी घी के अलावा किसी अन्य ब्रांड का घी न खरीदें या उपयोग न करें। राज्य के धार्मिक विभाग ने मंदिर प्रशासन से इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। यह निर्देश विशेष रूप से उन मंदिरों पर लागू होगा जो राज्य सरकार द्वारा संचालित या प्रायोजित होते हैं।
नंदिनी घी पहले से ही कर्नाटक में एक प्रमुख ब्रांड है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में इसकी मांग काफी अधिक है। मंदिरों के लिए नंदिनी घी के अनिवार्य उपयोग के बाद से इसकी मांग में और भी वृद्धि होने की संभावना है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के अधिकारियों का कहना है कि वे बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए पहले से ही तैयार हैं।
कर्नाटक सरकार के इस निर्णय को राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। कर्नाटक सरकार पहले से ही अपने डेयरी उत्पादों, विशेष रूप से नंदिनी ब्रांड को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। मंदिरों में नंदिनी घी का उपयोग अनिवार्य करने से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर भी विश्वास बढ़ेगा।
दूसरी ओर, तिरुपति मंदिर प्रशासन भी लड्डुओं में उपयोग किए जाने वाले घी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन कर चुका है। इस समिति का काम घी की गुणवत्ता की जांच करना और भविष्य में लड्डुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के उपाय सुझाना है। श्रद्धालुओं का मानना है कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद की पवित्रता और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह लाखों लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है।
कर्नाटक सरकार का यह फैसला तिरुपति लड्डू विवाद के बीच आया है, जिससे राज्य के मंदिरों में उपयोग किए जाने वाले घी की गुणवत्ता पर भी ध्यान आकर्षित हुआ है। सरकार का मानना है कि नंदिनी घी का उपयोग करने से मंदिरों में प्रसाद और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।