श्रीलंका की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है। वामपंथी नेता और जनथा विमुक्ति पेरामुना (JVP) के प्रमुख अनुरा कुमारा दिसानायके को श्रीलंका का नया राष्ट्रपति चुना गया है। यह घटना श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई दिशा और दृष्टिकोण लेकर आई है, खासकर उस समय जब देश आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा है।
अनुरा कुमारा दिसानायके लंबे समय से श्रीलंका के राजनीति में सक्रिय रहे हैं। वामपंथी विचारधारा के समर्थक होने के नाते, उन्होंने हमेशा से ही देश की गरीब और श्रमिक जनता के हक की बात की है। जनथा विमुक्ति पेरामुना (JVP) के नेता के रूप में, उन्होंने श्रीलंका में भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ संघर्ष किया है। उनका राष्ट्रपति चुना जाना देश में बदलाव की एक नई लहर का प्रतीक माना जा रहा है।
श्रीलंका में हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में अनुरा कुमारा दिसानायके ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। उनकी इस जीत को देश की जनता द्वारा वामपंथी विचारधारा और जनसंघर्षों के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है। इस चुनाव में उनका मुकाबला मुख्यधारा के कई दिग्गज नेताओं से था, लेकिन दिसानायके ने जनता के बीच अपनी छवि को सुधारते हुए बड़े पैमाने पर समर्थन जुटाया।
श्रीलंका वर्तमान में कई आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं से जूझ रहा है। देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, जिससे जनता को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अनुरा कुमारा दिसानायके के सामने अब एक बड़ी जिम्मेदारी है कि वह देश को इस संकट से बाहर निकालें और एक स्थिर और समृद्ध श्रीलंका का निर्माण करें।
दिसानायके की जीत श्रीलंका में वामपंथी राजनीति के उदय को दर्शाती है। उनकी पार्टी, JVP, श्रीलंका में एक मजबूत जनाधार रखती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां लोगों को विकास और रोजगार के अवसरों की कमी का सामना करना पड़ा है। दिसानायके ने अपनी चुनावी मुहिम के दौरान गरीबों, किसानों और मजदूरों की समस्याओं को प्राथमिकता दी और उनके हक की लड़ाई लड़ने का वादा किया।
दिसानायके के राष्ट्रपति चुने जाने पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई देशों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है और श्रीलंका के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने की इच्छा जताई है। भारत सहित कई देशों ने श्रीलंका को उसकी आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद का भरोसा दिया है।
अनुरा कुमारा दिसानायके ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में देश को विकास की राह पर ले जाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य देश में स्थिरता, शांति और समृद्धि लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे और देश की जनता के हितों की रक्षा करेंगे।
श्रीलंका की जनता ने दिसानायके को बड़ी उम्मीदों के साथ चुना है। देश में लंबे समय से भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और गरीबी की समस्याएँ बनी हुई हैं। दिसानायके ने इन सभी मुद्दों को सुलझाने का वादा किया है, और जनता को उम्मीद है कि वह अपने वादों को पूरा करेंगे और देश को एक नई दिशा देंगे।