UNGA: विश्व नेताओं ने भविष्य के रास्ते पर की चर्चा, लेकिन दृष्टिकोण निराशाजनक
Sunday, 22 Sep 2024 13:30 pm

The News Alert 24

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) 2024 की वार्षिक बैठक में दुनिया भर के नेता इकट्ठा हुए, जहां उन्होंने भविष्य के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की। हालांकि, इस बार का आयोजन दुनिया के समक्ष मौजूद गंभीर चुनौतियों और समस्याओं के बीच हुआ, जिससे पूरे घटनाक्रम पर एक निराशाजनक दृष्टिकोण दिखाई दिया।

जलवायु परिवर्तन प्रमुख मुद्दा

इस वर्ष की UNGA बैठक में जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चा ने एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया। विभिन्न देशों के नेताओं ने जलवायु संकट के खतरे और उससे निपटने के उपायों पर अपने विचार साझा किए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जलवायु परिवर्तन को मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

गुटेरेस ने कहा, "हमारे पास अब समय समाप्त हो रहा है। हम एक गंभीर जलवायु आपातकाल का सामना कर रहे हैं, और इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं।" उन्होंने इस दिशा में दुनिया भर के देशों से तेजी से कदम उठाने और अपने उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने का आग्रह किया।

भूराजनीतिक संकट और युद्ध की आशंका

जलवायु संकट के अलावा, भूराजनीतिक संघर्ष और युद्ध की संभावना ने भी विश्व नेताओं की चिंता को बढ़ा दिया है। यूक्रेन-रूस युद्ध का प्रभाव और अन्य वैश्विक संघर्षों ने इस वर्ष की UNGA बैठक को गहराई से प्रभावित किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने भाषण में शांति और सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

बाइडन ने कहा, "आज, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि हम कैसे अपने आपसी मतभेदों को हल कर सकते हैं और शांति की दिशा में काम कर सकते हैं।" उन्होंने रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन को समर्थन देने का वादा किया और वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा पर बल दिया।

आर्थिक अस्थिरता और बढ़ती असमानताएँ

इस वर्ष की बैठक में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता भी एक प्रमुख चर्चा का विषय रही। COVID-19 महामारी के बाद की आर्थिक चुनौतियाँ, वैश्विक मुद्रास्फीति, और आर्थिक असमानता ने कई विकासशील और अविकसित देशों की स्थिति को कमजोर कर दिया है। कई देशों के नेताओं ने आर्थिक असमानता और बढ़ती गरीबी को लेकर चिंता व्यक्त की।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आर्थिक सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि "वैश्विक अर्थव्यवस्था को टिकाऊ विकास की दिशा में पुनर्निर्माण की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास के लाभ सभी को समान रूप से मिलें।"

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) में पिछड़ता विश्व

2024 की UNGA बैठक में, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में प्रगति को लेकर भी गहरी चिंता व्यक्त की गई। 2030 तक इन लक्ष्यों को पूरा करने की समय सीमा करीब आ रही है, लेकिन अब तक की प्रगति निराशाजनक रही है। महासचिव गुटेरेस ने कहा कि दुनिया एसडीजी के लक्ष्यों को पूरा करने की दौड़ में पिछड़ रही है और इसमें तेजी लाने की जरूरत है।

गुटेरेस ने कहा, "हम जिस राह पर चल रहे हैं, वह हमें अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंचाएगी। हमें एक नई दृष्टि, नई योजनाओं और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना होगा।"

विकासशील देशों की चिंताएँ

इस बैठक में कई विकासशील देशों ने वैश्विक मंच पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। अफ्रीकी और एशियाई देशों के नेताओं ने आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, और विकासशील देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की कमी पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु संकट और आर्थिक अस्थिरता का सबसे ज्यादा प्रभाव विकासशील देशों पर ही पड़ रहा है।

आशा की किरण: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की उम्मीद

हालांकि अधिकांश चर्चाएँ संकट और चुनौतियों के इर्द-गिर्द ही रहीं, फिर भी कई नेताओं ने भविष्य के लिए आशा व्यक्त की। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से इन चुनौतियों का सामना करने की संभावना पर विचार किया गया। यह महसूस किया गया कि यदि सभी देश एकजुट होकर काम करें, तो जलवायु संकट, आर्थिक असमानता, और भूराजनीतिक संघर्षों से निपटने में सफलता पाई जा सकती है।