पुणे में ज़ीका वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ज़ीका वायरस एक खतरनाक वायरस है जो मच्छरों के माध्यम से फैलता है और इसके लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं। आइए जानते हैं ज़ीका वायरस के लक्षणों और इससे बचाव के उपायों के बारे में।
ज़ीका वायरस क्या है?
ज़ीका वायरस एक प्रकार का फ्लेविवायरस है जो मुख्यतः एडीज मच्छर द्वारा फैलता है। यह वायरस त्वचा में छाले, बुखार, और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। ज़ीका वायरस के संक्रमण का मुख्य खतरा गर्भवती महिलाओं के लिए होता है, क्योंकि यह भ्रूण में समस्याएँ पैदा कर सकता है।
ज़ीका वायरस के लक्षण
ज़ीका वायरस के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के बाद 3 से 12 दिन के अंदर प्रकट होते हैं। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
बुखार: हल्का से मध्यम बुखार आ सकता है, जो आमतौर पर 2 से 7 दिन तक रहता है।
चकत्ते: त्वचा पर लाल चकत्ते या दाने निकल सकते हैं, जो खुजलीदार होते हैं।
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द: रोगी को जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
आंखों में लालिमा: आंखों की त्वचा पर सूजन और लालिमा देखी जा सकती है।
सरदर्द: हल्का या मध्यम सिरदर्द भी हो सकता है।
मितली और उल्टी: कुछ मामलों में मितली और उल्टी के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
ज़ीका वायरस का फैलाव
ज़ीका वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके अलावा, यह संक्रमण यौन संपर्क, रक्त ट्रांसफ्यूजन, और गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे को भी हो सकता है।
बचाव के उपाय
मच्छर से बचाव: मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरे कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें। मच्छर भगाने वाले क्रीम और लोशन का उपयोग करें।
मच्छर जनित स्थलों से बचें: उन स्थानों पर न जाएँ जहाँ मच्छरों की अधिकता हो, विशेष रूप से शाम के समय।
घर के चारों ओर सफाई: घर के आस-पास पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर पानी में अंडे देते हैं।
स्वास्थ्य देखभाल: अगर आपको ज़ीका वायरस के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सलाह लें।