नासा के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए बनाए गए बोइंग के स्टारलाइनर यान का सफर अब तक असफलताओं और देरी से भरा रहा है। एक समय था जब बोइंग को अंतरिक्ष में अपनी ताकत दिखाने का मौका मिला था, लेकिन तकनीकी खामियों और परीक्षण विफलताओं की वजह से स्टारलाइनर की यात्रा आज भी चुनौतियों से भरी हुई है।
स्टारलाइनर: एक महत्वाकांक्षी शुरुआत
बोइंग का CST-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान नासा के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी धरती से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचाना है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रूस पर निर्भरता को समाप्त करना और एक सुरक्षित और सस्ता अंतरिक्ष परिवहन विकल्प प्रदान करना था।
स्टारलाइनर के विकास के लिए बोइंग को 4.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुबंध मिला था, जबकि स्पेसएक्स को अपने क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के लिए 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे। उम्मीद थी कि ये दोनों कंपनियाँ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लिए एक नया युग स्थापित करेंगी। लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर का सफर अब तक कई झटकों और देरी से गुजरा है।
तकनीकी खामियों और परीक्षण असफलताएँ
स्टारलाइनर के लिए पहली बड़ी विफलता दिसंबर 2019 में आई, जब यह अंतरिक्ष यान अपने पहले अनमैन्ड परीक्षण उड़ान (Orbital Flight Test-1 या OFT-1) के दौरान सही कक्षा में पहुंचने में विफल रहा। ऑर्बिटल मैन्युवरिंग और अटिट्यूड कंट्रोल (OMAC) बर्न के समय की गलत गणना के कारण यह अंतरिक्ष यान निर्धारित समय पर अपने इंजन चालू नहीं कर पाया और ISS तक नहीं पहुंच सका। इस गलती ने न केवल स्टारलाइनर के मिशन को विफल किया, बल्कि नासा और बोइंग दोनों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना।
इस विफलता के बाद बोइंग ने स्टारलाइनर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में कई सुधार किए, लेकिन इससे अधिक देरी और खर्च बढ़ गए। 2021 में, जब स्टारलाइनर को दूसरी परीक्षण उड़ान (OFT-2) के लिए लॉन्च किया जाना था, तब वाल्व संबंधी तकनीकी खामियों ने मिशन को फिर से टाल दिया। स्टारलाइनर के प्रणोदन प्रणाली में 13 वाल्व खराब पाए गए, जिससे मिशन को रद्द कर दिया गया और लॉन्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
बोइंग के लिए बढ़ते सवाल और चुनौतियाँ
स्टारलाइनर की इन लगातार विफलताओं ने बोइंग की अंतरिक्ष रणनीति और उसकी इंजीनियरिंग प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जब स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान नासा के साथ अपने सभी मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा था, तब बोइंग का स्टारलाइनर बार-बार विफलताओं का सामना कर रहा था। स्पेसएक्स की सफलता के साथ तुलना करने पर, बोइंग को एक भरोसेमंद और सक्षम विकल्प के रूप में पेश करना मुश्किल हो गया।
इसके अलावा, बोइंग के सामने वित्तीय चुनौतियाँ भी खड़ी हो गई हैं। स्टारलाइनर कार्यक्रम के देरी और अतिरिक्त लागत के कारण बोइंग को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बोइंग की ब्रांड प्रतिष्ठा को भी इससे धक्का पहुंचा है, विशेष रूप से तब जब उसके प्रतिस्पर्धी स्पेसएक्स ने क्रू ड्रैगन के जरिए सफलता का परचम लहराया है।
आगे का रास्ता और उम्मीदें
अगस्त 2023 तक, बोइंग ने घोषणा की है कि वह 2024 की शुरुआत में अपने पहले क्रू मिशन के लिए तैयार होने का प्रयास कर रहा है। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि सभी तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है और स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए तैयार है।
हालांकि, बोइंग के लिए अब भी रास्ता कठिन है। कंपनी को न केवल नासा के साथ अपनी साख को दोबारा स्थापित करना होगा, बल्कि भविष्य में होने वाले किसी भी मिशन के लिए 100% सफलता दर सुनिश्चित करनी होगी। बोइंग के इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष अभियानों में सफलता के लिए अब केवल स्टारलाइनर के सफल उड़ान पर निर्भर करता है।
अंतरिक्ष उद्योग में प्रतियोगिता और भविष्य की संभावना
बोइंग के स्टारलाइनर कार्यक्रम ने यह दिखाया है कि अंतरिक्ष अन्वेषण कितना जटिल और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। स्पेसएक्स और अन्य कंपनियों के साथ बढ़ती प्रतियोगिता ने इस क्षेत्र में नवाचार और उच्च मानकों की आवश्यकता को बढ़ा दिया है। जहां एक ओर स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष में एक नई क्रांति की शुरुआत की है, वहीं बोइंग के लिए अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करने का यही सबसे अच्छा समय है।