चाँद पर ज्वालामुखी फट रहे थे जबकि डायनासोर पृथ्वी पर घूम रहे थे

चाँद पर ज्वालामुखी फट रहे थे जबकि डायनासोर पृथ्वी पर घूम रहे थे

हाल ही में की गई एक नई खोज से पता चला है कि जब डायनासोर पृथ्वी पर घूम रहे थे, तब चाँद पर ज्वालामुखी सक्रिय थे। यह खोज चाँद की भूगर्भीय गतिविधियों और पृथ्वी के प्राचीन काल के बीच एक दिलचस्प संबंध को उजागर करती है।

चाँद पर ज्वालामुखीय गतिविधियाँ

वैज्ञानिकों ने पाया है कि चाँद की सतह पर ज्वालामुखी गतिविधियाँ एक अरब साल पहले, डायनासोरों के पृथ्वी पर अस्तित्व के दौरान भी जारी थीं। चाँद पर ज्वालामुखी गतिविधियाँ मुख्य रूप से चंद्र ज्वालामुखी से संबंधित हैं, जिन्हें "पारसेंटल फ्लो" कहा जाता है। ये ज्वालामुखी चाँद की आंतरिक गतिविधियों और ऊपरी सतह पर लावा के प्रवाह के संकेत देते हैं।

नए अध्ययनों से पता चला है कि चाँद पर ये ज्वालामुखी पृथ्वी के साथ एक समान समय पर सक्रिय थे, जब डायनासोर पृथ्वी पर अपने शबाब पर थे। यह जानकारी चाँद के भूगर्भीय इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

डायनासोरों का समय और चाँद की भूगर्भीय गतिविधियाँ

जब डायनासोर पृथ्वी पर वर्चस्व स्थापित कर रहे थे, चाँद पर लावा और ज्वालामुखीय गैसों का प्रवाह जारी था। यह समयकाल लगभग 100 मिलियन साल पहले का है, जब डायनासोर पृथ्वी पर सबसे अधिक विविध और विकसित प्रजातियों के रूप में मौजूद थे।

चाँद पर ज्वालामुखीय गतिविधियाँ, जिन्हें "लूनर ज्वालामुखी" कहा जाता है, चाँद की सतह पर काले और कर्कश लावा प्रवाह के संकेत देती हैं। यह लावा चाँद की सतह पर एक प्रकार के ज्वालामुखीय गुंबदों का निर्माण करता है, जो ग्रह की भूगर्भीय संरचना का हिस्सा हैं।

खोज के महत्व और भविष्य के अनुसंधान

इस खोज ने चाँद और पृथ्वी के भूगर्भीय इतिहास के बीच के संबंध को स्पष्ट किया है। यह जानकारी न केवल चाँद की भूगर्भीय गतिविधियों को समझने में सहायक है बल्कि पृथ्वी के प्राचीन काल के ज्वालामुखीय गतिविधियों की तुलना में भी योगदान देती है।

भविष्य में, वैज्ञानिक इस शोध के आधार पर चाँद पर और अधिक विस्तृत अध्ययन और खोज कर सकते हैं। इससे चाँद की भूगर्भीय गतिविधियों, उसके विकास और भविष्य के मिशनों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है।