विश्वभर में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए "नेट जीरो" उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास तेज हो रहे हैं। हालांकि, नेट जीरो का लक्ष्य सिर्फ कार्बन उत्सर्जन को कम करने तक सीमित नहीं है; इसके साथ-साथ वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने की भी आवश्यकता है। लेकिन, कार्बन रिमूवल के इस प्रक्रिया में कई जटिलताएं और चुनौतियां हैं, जो इसे एक "कंनड्रम" यानी गुत्थी बनाती हैं। इस लेख में हम कार्बन रिमूवल से जुड़े इन मुद्दों का विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि यह नेट जीरो के लक्ष्यों को कैसे प्रभावित कर रहा है।
नेट जीरो और कार्बन रिमूवल का महत्व
नेट जीरो का मतलब है कि जितना कार्बन उत्सर्जन हो रहा है, उतना ही वातावरण से हटाया जाए, ताकि कुल मिलाकर कार्बन का संतुलन बना रहे। यह लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्बन रिमूवल तकनीकों का उपयोग महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवल उत्सर्जन को कम करके ही यह लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। लेकिन इस कार्बन रिमूवल प्रक्रिया में कई प्रकार की जटिलताएं हैं, जिनसे निपटना आसान नहीं है।
कार्बन रिमूवल की चुनौतियां
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तकनीकी चुनौतियां:
कार्बन रिमूवल तकनीकें जैसे कि डायरेक्ट एयर कैप्चर (DAC), बायोएनर्जी विथ कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (BECCS) और कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन अभी भी विकास के चरण में हैं। इन तकनीकों को बड़े पैमाने पर लागू करने में समय, धन और संसाधनों की आवश्यकता होती है, जो वर्तमान में सीमित हैं। -
आर्थिक बाधाएं:
कार्बन रिमूवल की लागत बहुत अधिक होती है। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत होती है, और यह प्रक्रिया अभी तक आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं बन पाई है। इसके अलावा, कार्बन रिमूवल के लिए जो तकनीकें विकसित की जा रही हैं, उनमें से अधिकांश अभी तक व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। -
नीति और नियामक मुद्दे:
कार्बन रिमूवल के लिए आवश्यक नीतियों और विनियमों की कमी है। इसके अलावा, कार्बन ऑफसेटिंग मार्केट में पारदर्शिता की कमी के कारण भी इस दिशा में प्रगति धीमी हो रही है। कई सरकारों के पास स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं कि कार्बन रिमूवल के प्रयासों को कैसे प्रोत्साहित किया जाए। -
पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव:
कुछ कार्बन रिमूवल तकनीकों के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव भी चिंता का विषय हैं। उदाहरण के लिए, BECCS के लिए बायोमास की बड़े पैमाने पर खेती की आवश्यकता होती है, जिससे भूमि उपयोग, जल संसाधनों और जैव विविधता पर दबाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, स्थानीय समुदायों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
समाधान और भविष्य की दिशा
कार्बन रिमूवल से जुड़े इन मुद्दों को हल करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
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अनुसंधान और विकास में निवेश:
कार्बन रिमूवल तकनीकों में अनुसंधान और विकास के लिए अधिक निवेश किया जाना चाहिए, ताकि ये तकनीकें अधिक सस्ती और प्रभावी बन सकें। -
नीति और विनियमों का सुधार:
कार्बन रिमूवल के लिए स्पष्ट नीतियां और विनियम विकसित करने की आवश्यकता है, जो इस दिशा में निवेश को प्रोत्साहित करें और कार्बन ऑफसेटिंग मार्केट में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। -
स्थायी और जिम्मेदार दृष्टिकोण:
कार्बन रिमूवल के लिए स्थायी और जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। इसके लिए ऐसे समाधानों की आवश्यकता है जो पर्यावरणीय और सामाजिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी हों। -
वैश्विक सहयोग:
कार्बन रिमूवल के प्रयासों में वैश्विक सहयोग आवश्यक है। देशों के बीच ज्ञान और संसाधनों का साझा करना इस दिशा में प्रगति को तेज कर सकता है।