28 सितंबर 2024 को पितृ पक्ष, शनिवार और इंदिरा एकादशी का विशेष योग बन रहा है। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने और भगवान विष्णु तथा शनि देव की विशेष पूजा करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं इस दिन की विशेषता और पूजा विधि।
1. पितृ पक्ष का महत्व:
पितृ पक्ष का अर्थ है पितरों का पक्ष, जिसमें श्रद्धालु अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें तृप्त करने के लिए श्राद्ध का आयोजन करते हैं। इस अवधि में, भक्तजन अपने पितरों को जल, अन्न और तिल अर्पित करते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
2. इंदिरा एकादशी:
इंदिरा एकादशी का व्रत विशेष रूप से पितृ पक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ अपने पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर मिलता है। इस दिन उपवास रखने से तथा विष्णु जी की पूजा करने से भक्तों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
3. विशेष पूजा विधि:
पूजा सामग्री:
- पीला फूल
- चावल
- दूध
- घी
- फल
- तुलसी की पत्तियाँ
- दीपक
- नैवेद्य (भोग)
पूजा करने की विधि:
- स्नान करें: प्रात: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पितरों का स्मरण: पितरों का स्मरण करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
- विष्णु जी की पूजा:
- भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने आसन लगाकर बैठें।
- पीला फूल और तुलसी की पत्तियाँ अर्पित करें।
- दीपक जलाकर नैवेद्य अर्पित करें।
- शनि देव की पूजा:
- शनि देव के चित्र या प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक रखें।
- शनिदेव के नाम का जप करें और प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में सुख और शांति लाएं।
- गरुड़ पुराण का पाठ:
- पितरों के लिए गरुड़ पुराण का पाठ करें। इसे घर में पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।
4. विशेष ध्यान:
- इस दिन उपवास करना और केवल फलाहार लेना शुभ रहता है।
- परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करें, इससे पारिवारिक बंधन मजबूत होता है।