तेलंगाना के निज़ामाबाद में आवारा कुत्तों के हमले में 10 महीने के बच्चे की मौत

तेलंगाना के निज़ामाबाद में आवारा कुत्तों के हमले में 10 महीने के बच्चे की मौत

तेलंगाना के निज़ामाबाद जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ आवारा कुत्तों के हमले में 10 महीने के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को लेकर गहरी चिंता का विषय बन गई है, और स्थानीय प्रशासन पर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का दबाव बढ़ रहा है।

घटना का विवरण

यह दुखद घटना सोमवार को निज़ामाबाद के एक स्थानीय मोहल्ले में हुई। जानकारी के अनुसार, बच्चा घर के आंगन में खेल रहा था जब अचानक कुछ आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। आसपास के लोग और परिवार के सदस्य तुरंत बच्चे को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तब तक कुत्तों ने उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

बच्चे को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के चलते डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में सदमे और गुस्से की लहर पैदा कर दी है।

आवारा कुत्तों की समस्या

यह पहली बार नहीं है जब निज़ामाबाद में आवारा कुत्तों के हमले की खबर सामने आई हो। पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है, और इन कुत्तों के हमले की घटनाएँ भी बढ़ी हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार वे शिकायत दर्ज कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

निज़ामाबाद के निवासियों ने स्थानीय अधिकारियों से इस समस्या के समाधान की मांग की है, क्योंकि आवारा कुत्तों का खतरा अब बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है। नगरपालिका अधिकारियों ने कहा है कि आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, नगरपालिका कर्मचारियों ने क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान भी शुरू किया है।

हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए इस तरह के कदम अक्सर अस्थायी साबित होते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि इस समस्या का समाधान खोजने के लिए स्थायी योजनाओं की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

जनता की माँग और गुस्सा

इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश फैल गया है। परिवार और पड़ोसियों ने नगरपालिका और स्थानीय अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले भी इस तरह की घटनाओं की चेतावनी दी थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। निवासियों ने इस बात पर जोर दिया कि इलाके में नियमित रूप से आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण जैसे उपाय करने की जरूरत है।

आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा

तेलंगाना समेत भारत के कई राज्यों में आवारा कुत्तों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। विभिन्न शहरों और कस्बों में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या ने लोगों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। यह समस्या केवल छोटे शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़े महानगरों में भी लोगों को आवारा कुत्तों से खतरा रहता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि नसबंदी और टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों को अधिक सख्ती और नियमितता के साथ लागू करने की जरूरत है। इसके साथ ही, आवारा कुत्तों के लिए आश्रय गृहों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि उनकी देखभाल की जा सके और उनका आक्रामक व्यवहार रोका जा सके।