असम विधानसभा ने मुस्लिम विवाह कानून को किया रद्द: यूनिफॉर्म सिविल कोड की दिशा में बड़ा कदम?

असम विधानसभा ने मुस्लिम विवाह कानून को किया रद्द: यूनिफॉर्म सिविल कोड की दिशा में बड़ा कदम?

असम विधानसभा ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुस्लिम विवाह कानून (Muslim Marriage Law) को रद्द करने का बिल पास कर दिया है। इस कदम को यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code - UCC) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो देशभर में एक समान नागरिक कानून लागू करने का प्रयास है।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य भारत में सभी नागरिकों के लिए समान व्यक्तिगत कानून लागू करना है, चाहे उनका धर्म, जाति या समुदाय कुछ भी हो। वर्तमान में, भारत में विवाह, तलाक, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे मामलों में विभिन्न धर्मों के लिए अलग-अलग कानून हैं। UCC इन कानूनों को एकरूप करने का प्रयास करेगा, जिससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू हो सकें।

असम विधानसभा का फैसला

असम सरकार ने मुस्लिम विवाह कानून को रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे विधानसभा में बहुमत से पास कर दिया गया। इस फैसले के बाद, राज्य में मुस्लिम समुदाय के लिए भी वही विवाह कानून लागू होंगे, जो अन्य समुदायों के लिए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह राज्य में एकरूपता लाने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस फैसले को लेकर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। जहां एक ओर कुछ समूह इसे एक सकारात्मक कदम मानते हैं, वहीं कुछ धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इसे लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इस तरह के कदमों से धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर असर पड़ सकता है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड की दिशा में अन्य राज्यों के कदम

असम के अलावा, गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड पहले से ही लागू है। केंद्र सरकार ने भी कई बार UCC लागू करने की इच्छा जताई है, लेकिन इसे लेकर देशभर में विभिन्न विचारधाराएं हैं। असम का यह कदम UCC की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है, जो आने वाले समय में अन्य राज्यों को भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है।

आगे की राह

असम विधानसभा का यह फैसला UCC की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन इसे लागू करने में अभी भी कई चुनौतियां हैं। विभिन्न समुदायों और समूहों के विचारों को ध्यान में रखते हुए ही UCC को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

देशभर में UCC को लेकर अभी भी चर्चाएं और बहसें जारी हैं, और असम का यह फैसला इन बहसों को और भी गति देगा। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सरकार की ओर से अभी कोई ठोस फैसला नहीं आया है, लेकिन असम का यह कदम इस दिशा में एक संकेत जरूर है।

असम विधानसभा के इस फैसले के बाद, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इस फैसले का असर अन्य राज्यों और केंद्र सरकार पर क्या पड़ता है, और क्या सच में UCC को देशभर में लागू करने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।