वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन एक बार फिर से सार्वजनिक मंच पर लड़खड़ा गए, जब उन्होंने क्वाड इवेंट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिचय देने का प्रयास किया। यह घटना अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। राष्ट्रपति बाइडन के हालिया गफ़्स की सूची में यह नया मामला जुड़ गया है, जो उनके आलोचकों को और अधिक बोलने का मौका दे रहा है।
क्वाड इवेंट: वैश्विक मंच पर सहयोग
क्वाड (Quad) एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच है, जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस इवेंट का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा को मजबूत करना है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़, और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भाग लिया।
बाइडन का भाषण: एक और गफ़्फ़
राष्ट्रपति बाइडन ने क्वाड सम्मेलन में एक प्रमुख भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी का परिचय देते समय कुछ शब्दों में उलझ गए और उनके नाम का सही उच्चारण करने में भी कठिनाई महसूस की। यह घटना उस समय हुई, जब बाइडन ने क्वाड के सदस्य नेताओं का मंच पर स्वागत किया। बाइडन ने मोदी का परिचय करते समय अपनी स्क्रिप्ट से भटक गए, जिससे एक असहज माहौल उत्पन्न हो गया।
राष्ट्रपति बाइडन ने जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया, उनके शब्दों में हल्का सा लड़खड़ाहट दिखाई दी, और उन्होंने तुरंत खुद को सुधारने का प्रयास किया। हालांकि, दर्शकों ने इस छोटे से पल को नोटिस किया, और सोशल मीडिया पर इस घटना की क्लिप्स तेजी से वायरल होने लगीं।
क्या है बाइडन के गफ़्फ़्स का इतिहास?
जो बाइडन के गफ़्फ़्स और सार्वजनिक भाषणों में बार-बार की जाने वाली गलतियाँ उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान सुर्खियों में रही हैं। आलोचक अक्सर इसे उनकी उम्र और मानसिक क्षमता से जोड़ते हैं, जबकि उनके समर्थक इसे भाषण देने की स्वाभाविक त्रुटि मानते हैं। बाइडन की उम्र 80 वर्ष के करीब है, और वह अमेरिकी इतिहास में सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति हैं।
यह पहली बार नहीं है जब बाइडन सार्वजनिक मंच पर किसी बड़े नेता का परिचय देते समय लड़खड़ाए हैं। पहले भी कई बार उन्हें सार्वजनिक रूप से गलतियों का सामना करना पड़ा है। कुछ आलोचकों का कहना है कि इन गलतियों से उनके नेतृत्व पर सवाल उठ सकते हैं, खासकर जब वह वैश्विक मंचों पर अन्य विश्व नेताओं के साथ होते हैं।
क्वाड की बढ़ती अहमियत
बाइडन की इस घटना के बावजूद, क्वाड की रणनीतिक अहमियत बढ़ती जा रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए इस समूह को एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक और रक्षा साझेदारी के रूप में देखा जा रहा है। इस बार की बैठक में भी क्षेत्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड मंच पर अपने भाषण में चार देशों के बीच मजबूत सहयोग पर जोर दिया और इसे "वैश्विक स्थिरता" के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए क्वाड का सहयोग महत्वपूर्ण है। मोदी के इस संबोधन के दौरान, अमेरिकी प्रशासन ने भी भारत के साथ अपने संबंधों को "असाधारण" बताया।
भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव?
हालांकि बाइडन की यह छोटी सी गलती भारत-अमेरिका संबंधों पर किसी बड़े प्रभाव की संभावना नहीं रखती, लेकिन यह घटना उन आलोचकों को अवश्य सामग्री प्रदान करती है, जो बाइडन के नेतृत्व कौशल पर सवाल उठाते हैं। भारत और अमेरिका के बीच संबंध इस समय अपने सबसे मजबूत दौर में हैं। दोनों देश कई क्षेत्रों में गहरे सहयोग कर रहे हैं, जिनमें रक्षा, प्रौद्योगिकी, और व्यापार शामिल हैं।
राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच व्यक्तिगत संबंध भी मजबूत माने जाते हैं, और दोनों नेताओं ने हाल ही में कई द्विपक्षीय मुलाकातों में भाग लिया है। बाइडन का यह गफ़्फ़ भी एक सामान्य त्रुटि के रूप में देखा जा रहा है, जो उनके राजनीतिक कॅरियर के दौरान कई बार हो चुकी है।
सोशल मीडिया और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बाइडन की फंबलिंग क्लिप्स तेजी से वायरल होने लगीं। कुछ लोगों ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया, जबकि अन्य ने इसे राष्ट्रपति की बढ़ती उम्र और भाषण की गलतियों के रूप में देखा। आलोचक इसे बाइडन की नेतृत्व क्षमता पर एक और सवाल के रूप में उठा रहे हैं, जबकि उनके समर्थक इसे एक साधारण गलती मान रहे हैं।