वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि चेन्नई मेट्रो रेल फेज़ II परियोजना की पूरी लागत तमिलनाडु सरकार द्वारा वहन की जाएगी। यह घोषणा तमिलनाडु की शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार और मेट्रो नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
तमिलनाडु सरकार की भूमिका
वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार इस परियोजना में कोई वित्तीय भागीदारी नहीं करेगी, बल्कि इसका पूरा बोझ तमिलनाडु सरकार पर होगा। चेन्नई मेट्रो रेल का फेज़ II शहर की परिवहन प्रणाली को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया एक विशाल परियोजना है, जिसका लक्ष्य ट्रैफिक जाम को कम करना और लोगों के लिए सुविधाजनक परिवहन प्रदान करना है।
चेन्नई मेट्रो फेज़ II का महत्व
चेन्नई मेट्रो का फेज़ II राज्य की सबसे बड़ी मेट्रो परियोजनाओं में से एक है, जो 118.9 किलोमीटर की लंबाई में फैली हुई है। इस परियोजना के तहत चेन्नई के प्रमुख इलाकों को जोड़ने की योजना है, जिससे यात्रियों को सुविधाजनक और तेज़ यात्रा की सुविधा मिलेगी। तमिलनाडु सरकार ने इस परियोजना के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा हो।
निर्मला सीतारमण का बयान
चेन्नई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, "तमिलनाडु सरकार चेन्नई मेट्रो फेज़ II परियोजना की पूरी लागत का बोझ उठाएगी। इस परियोजना के लिए केंद्र से कोई फंडिंग नहीं दी जाएगी। तमिलनाडु सरकार ने अपने संसाधनों से इस परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।"
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
तमिलनाडु सरकार इस परियोजना को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सरकार ने चेन्नई के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। चेन्नई मेट्रो रेल फेज़ II इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत नए मार्ग और स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा जा सकेगा।
आर्थिक दृष्टिकोण
चेन्नई मेट्रो फेज़ II परियोजना के लिए अनुमानित लागत लगभग 61,843 करोड़ रुपये है। यह परियोजना तमिलनाडु सरकार के लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती हो सकती है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे प्राथमिकता में रखा है। मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से न केवल शहर की परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि यह आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। मेट्रो परियोजनाएं रोजगार सृजन, शहरी विकास और निवेश में वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
तमिलनाडु सरकार के इस कदम की राजनीतिक हलकों में भी चर्चा हो रही है। राज्य के विपक्षी दलों ने मेट्रो फेज़ II परियोजना के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं, जबकि सत्तारूढ़ डीएमके सरकार ने इसे अपनी प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा है कि यह परियोजना राज्य की परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से बदल देगी और लाखों लोगों को फायदा पहुंचाएगी।
विकास और विस्तार योजनाएँ
तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई मेट्रो रेल फेज़ II के तहत तीन नए कॉरिडोर का निर्माण करने की योजना बनाई है। इसमें माधवरम से शोलिंगनल्लूर, लाइट हाउस से पूनमल्ली और माधवरम से आईटी कॉरिडोर तक के मार्ग शामिल होंगे। यह मार्ग शहर के व्यस्ततम और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ेंगे, जिससे यात्रा का समय कम होगा और यात्री सुविधाओं में सुधार होगा।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
चेन्नई के निवासी मेट्रो फेज़ II के जल्द पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। यह परियोजना शहर के लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना लंबी दूरी तय करते हैं। मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से चेन्नई के यातायात जाम में कमी आएगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि मेट्रो एक स्वच्छ और हरित परिवहन माध्यम है।
पर्यावरणीय लाभ
चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना का पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। यह परियोजना प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी, क्योंकि मेट्रो सिस्टम से निजी वाहनों की संख्या में कमी आएगी। इसके अलावा, मेट्रो के विकास से शहर में हरित और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।