भारत और ग्रीस के बीच रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। ग्रीस का एक लड़ाकू विमान पहली बार भारत में उतरा है, जो आने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास "तरंग शक्ति" के दूसरे चरण की शुरुआत का संकेत है। यह घटना भारत और ग्रीस के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाती है और दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच समन्वय को मजबूत करने का प्रयास है।
तरंग शक्ति: भारत और ग्रीस के बीच सैन्य अभ्यास
"तरंग शक्ति" एक प्रमुख द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है जो भारत और उसके अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के बीच होता है। इसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है। इस बार के अभ्यास में ग्रीस का हिस्सा लेना इस बात का प्रमाण है कि भारत और ग्रीस के बीच रक्षा संबंध कितने मजबूत हो रहे हैं।
यह अभ्यास भारत के सुरक्षा रणनीतिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, क्योंकि यह दक्षिण एशिया और यूरोप के बीच एक नये सुरक्षा गठजोड़ का प्रतीक बन रहा है। ग्रीस के लड़ाकू विमान का भारत में उतरना, अभ्यास की तैयारी के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
ग्रीस के लड़ाकू विमान की भारत में पहली लैंडिंग
ग्रीस के लड़ाकू विमान की पहली लैंडिंग भारतीय वायुसेना के एक अड्डे पर हुई, जहां उसे सुरक्षा और रसद सहायता प्रदान की गई। इस लैंडिंग को भारतीय वायुसेना और ग्रीस वायुसेना के बीच संयुक्त अभ्यास का प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है।
ग्रीक पायलटों और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के बीच संवाद से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और भी मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
क्या है तरंग शक्ति फेज़ 2 की योजना?
तरंग शक्ति का दूसरा चरण ग्रीस और भारत के बीच पहले से शुरू हुई सैन्य साझेदारी को और भी गहरा करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इसमें दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच हवाई अभ्यास और सामरिक युद्धाभ्यास शामिल होंगे। इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न हवाई अभियानों के दौरान दोनों सेनाओं के बीच तालमेल को मजबूत करना है।
अभ्यास के दौरान, हवाई हमले, रक्षा, टोही मिशन और हवाई समर्थन के लिए युद्धाभ्यास किए जाएंगे। इसका उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के पायलटों को विभिन्न युद्ध परिदृश्यों में त्वरित निर्णय लेने और साझेदारी में काम करने की क्षमता को मजबूत करना है।
भारत-ग्रीस रक्षा संबंध: एक नया अध्याय
भारत और ग्रीस के बीच रक्षा संबंधों को लेकर यह पहली बड़ी पहल नहीं है। दोनों देश एक दशक से भी अधिक समय से रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। यह सहयोग नौसेना अभ्यास, रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम, और रक्षा प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान पर आधारित रहा है।
हाल ही में, ग्रीस और भारत ने रक्षा साझेदारी को और भी मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। तरंग शक्ति जैसे अभ्यास, भारत और ग्रीस के बीच बढ़ते सुरक्षा और रणनीतिक संबंधों को दर्शाते हैं, जो कि भारतीय उपमहाद्वीप और यूरोप के बीच एक नई साझेदारी की दिशा में संकेत कर रहे हैं।
अगले कदम क्या हैं?
तरंग शक्ति फेज़ 2 के तहत ग्रीस और भारत की वायु सेनाओं के बीच कई संयुक्त अभ्यास और युद्धाभ्यास किए जाएंगे। इन अभ्यासों से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और भी मजबूत किया जाएगा और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर एक नई दिशा तय की जाएगी।
भारत और ग्रीस दोनों ही देश, इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के माध्यम से, न केवल अपनी वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी का भी निर्माण कर रहे हैं। यह पहल न केवल दक्षिण एशिया और यूरोप के बीच, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।