भारतीय मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कठोर केंद्रीय कानून की मांग की

भारतीय मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कठोर केंद्रीय कानून की मांग की

भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए एक कठोर केंद्रीय कानून की मांग की है। चिकित्सा पेशेवरों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, IMA ने एक ऐसा कानून बनाने की अपील की है जो डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे और ऐसे अपराधों को रोक सके।

डॉक्टरों की सुरक्षा पर जोर

IMA ने कहा कि हाल के वर्षों में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों पर हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ है, जिससे उनकी सुरक्षा और कामकाजी माहौल प्रभावित हुआ है। एसोसिएशन ने सरकार से एक ऐसा केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है, जो इस तरह की घटनाओं को रोक सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सके।

कानून की आवश्यकता

IMA का मानना है कि मौजूदा कानून और नियम पर्याप्त नहीं हैं और इनका प्रभावी तरीके से लागू होना कठिन है। केंद्रीय कानून की आवश्यकता इसलिए है ताकि हर राज्य में समान सुरक्षा मानक सुनिश्चित किए जा सकें और चिकित्सकों को बेहतर सुरक्षा प्रदान की जा सके।

डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की मांग

डॉक्टरों ने कहा कि वे एक सुरक्षित कार्य वातावरण की उम्मीद करते हैं, जहां वे बिना किसी डर के मरीजों की देखभाल कर सकें। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

सरकारी प्रतिक्रिया और अगले कदम

सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और इस पर चर्चा शुरू कर दी है। संभावित कानून के मसौदे पर विचार किया जा रहा है और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।