कोलकाता न्यूज लाइव: '6 घंटे के भीतर एफआईआर', स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार का नया आदेश

कोलकाता न्यूज लाइव: '6 घंटे के भीतर एफआईआर', स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार का नया आदेश

स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अब किसी भी हमले या उत्पीड़न की घटना पर 6 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा। इस कदम को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों में, स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले और उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। महामारी के दौरान डॉक्टरों और नर्सों सहित कई स्वास्थ्य कर्मियों को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। इसके चलते, राज्य सरकार ने यह कठोर कदम उठाया है ताकि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।

सरकार का आदेश
राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए इस नए आदेश के अनुसार, स्वास्थ्य कर्मियों पर होने वाले किसी भी हमले की सूचना मिलने पर संबंधित पुलिस स्टेशन को तुरंत एफआईआर दर्ज करनी होगी। इसके लिए अधिकतम समय सीमा 6 घंटे निर्धारित की गई है। इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके और इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिक्रिया
इस आदेश के जारी होने के बाद, स्वास्थ्य कर्मियों ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह आदेश न केवल उनके लिए सुरक्षा की भावना बढ़ाएगा, बल्कि उनके काम के प्रति सम्मान और समर्थन को भी बढ़ावा देगा। कई स्वास्थ्य संगठनों ने इस आदेश को सराहनीय कदम बताया है और सरकार से इसके सख्त पालन की मांग की है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि, इस आदेश पर विपक्षी दलों ने कुछ सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस आदेश का प्रभावी रूप से पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां पुलिस की पहुंच सीमित हो सकती है। विपक्ष का कहना है कि इस आदेश के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार और संसाधनों की बढ़ोतरी पर भी ध्यान देना जरूरी है।

आगे की राह
इस नए आदेश के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार ने सभी जिलों में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, सरकार ने एक निगरानी समिति का गठन किया है जो इस आदेश के पालन की निगरानी करेगी और इसकी प्रगति पर रिपोर्ट देगी।