नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हवाई अड्डे के रूप में उभर रहा है, दिसंबर तक अपनी कैलिब्रेशन और वैलिडेशन फ्लाइट्स को पूरा करने की योजना बना रहा है। यह प्रक्रिया एयरपोर्ट के पूर्ण संचालन से पहले एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैलिब्रेशन और वैलिडेशन फ्लाइट्स का महत्व
कैलिब्रेशन और वैलिडेशन फ्लाइट्स हवाई अड्डे के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि एयरपोर्ट के सभी नेविगेशनल और ऑपरेशनल सिस्टम सही ढंग से काम कर रहे हैं। इन फ्लाइट्स के दौरान, रनवे, टैक्सीवे, नेविगेशनल एड्स और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों का परीक्षण और सत्यापन किया जाता है।
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कैलिब्रेशन फ्लाइट्स: कैलिब्रेशन फ्लाइट्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि हवाई अड्डे के सभी नेविगेशनल इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कि इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), VOR, और अन्य उपकरण सटीकता से काम कर रहे हैं।
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वैलिडेशन फ्लाइट्स: वैलिडेशन फ्लाइट्स में एयरपोर्ट के संचालन के सभी पहलुओं का मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें उड़ानों के उतरने और उड़ान भरने की प्रक्रिया, सुरक्षा प्रोटोकॉल, और अन्य मानक प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।
एयरपोर्ट का विकास और प्रगति
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो जेवर, उत्तर प्रदेश में स्थित है, उत्तर भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट प्रोजेक्ट्स में से एक है। यह हवाई अड्डा भारतीय विमानन क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हो सकता है और यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवाई यातायात के बढ़ते दबाव को कम करेगा।
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विकास की वर्तमान स्थिति: एयरपोर्ट निर्माण का काम जोरों पर चल रहा है, और कई चरणों में इसे पूरा किया जा रहा है। दिसंबर तक कैलिब्रेशन और वैलिडेशन फ्लाइट्स के पूरा होने के बाद, एयरपोर्ट का उद्घाटन और परिचालन शुरू होने की संभावना है।
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उद्घाटन की दिशा में अगला कदम: कैलिब्रेशन और वैलिडेशन फ्लाइट्स के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, हवाई अड्डे के परिचालन लाइसेंस और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मंजूरी प्राप्त की जाएगी।
नोएडा एयरपोर्ट का क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवाई यात्रा के अनुभव को पुनः परिभाषित करेगा और उत्तर भारत के विभिन्न शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और अधिक सुलभ बनाएगा।
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आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: एयरपोर्ट के खुलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
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राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी: यह एयरपोर्ट न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा, जिससे नोएडा और इसके आस-पास के क्षेत्रों में व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।