गाजा की स्थिति सबसे बड़ी चिंता, भारत संघर्षविराम का समर्थन करता है: जयशंकर

'गाजा की स्थिति सबसे बड़ी चिंता, भारत संघर्षविराम का समर्थन करता है': जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गाजा की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए संघर्षविराम की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारत की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा में हालिया संघर्ष ने मानवीय संकट को और गंभीर बना दिया है। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस स्थिति को लेकर तत्काल कदम उठाने की अपील की है।

जयशंकर का बयान और भारत की चिंता

एस. जयशंकर ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "गाजा की स्थिति हमारी सबसे बड़ी चिंता है, और भारत संघर्षविराम के समर्थन में खड़ा है। हिंसा और अस्थिरता को समाप्त करने के लिए सभी पक्षों को संवाद और शांति की दिशा में काम करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति और निर्दोष नागरिकों की जान जाने से भारत चिंतित है।

भारत ने गाजा में हिंसा और संघर्ष की निंदा की है और दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। भारत का मानना है कि संघर्ष का समाधान केवल बातचीत और समझौते से ही संभव है, न कि हिंसा से।

मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका

गाजा में हालिया संघर्ष ने बड़े पैमाने पर विनाश और मानव पीड़ा को जन्म दिया है। चिकित्सा सुविधाओं की कमी, बिजली और पानी की आपूर्ति की बाधाएं, और भोजन की कमी जैसी समस्याएं गहरा संकट पैदा कर रही हैं। इस स्थिति ने वैश्विक समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचा है, और विभिन्न देशों ने गाजा में शांति स्थापना के लिए अपील की है।

जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मानवीय संकट को हल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पक्ष संघर्षविराम का पालन करें और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए कदम उठाएं।

भारत की विदेश नीति और मध्य पूर्व में शांति के प्रयास

भारत की विदेश नीति हमेशा से ही क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का समर्थन करती रही है। भारत ने इजरायल और फिलिस्तीन के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को संतुलित रखा है और दोनों देशों के साथ शांति प्रयासों में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की है। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत किसी भी एक पक्ष के समर्थन में नहीं है, बल्कि वह केवल शांति और स्थिरता की दिशा में काम करने का पक्षधर है।

भारत का मानना है कि इजरायल और फिलिस्तीन दोनों को मिलकर दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) की दिशा में काम करना चाहिए, जिससे दोनों के लिए शांति और सह-अस्तित्व का मार्ग प्रशस्त हो सके।

गाजा संघर्ष और वैश्विक प्रतिक्रिया

गाजा में हालिया संघर्ष ने वैश्विक प्रतिक्रिया को प्रेरित किया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने गाजा में युद्धविराम की अपील की है और संघर्षरत पक्षों से तत्काल हिंसा रोकने का आग्रह किया है। भारत भी इस वैश्विक अपील में शामिल हो गया है और उसने क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए समर्थन व्यक्त किया है।

अमेरिका, रूस, और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख वैश्विक खिलाड़ियों ने भी संघर्षविराम के लिए अपनी आवाज बुलंद की है। भारत का समर्थन इन प्रयासों को और बल देगा और एक वैश्विक सहमति बनाने में मदद करेगा।

भारत की मानवीय सहायता और कूटनीतिक प्रयास

भारत ने पहले भी गाजा और फिलिस्तीन में मानवीय संकट के समय सहायता प्रदान की है। भारतीय कूटनीति ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि संघर्ष का समाधान शांतिपूर्ण संवाद से ही संभव है। भारत ने फिलिस्तीन को मानवीय सहायता भेजी है और वहां की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और कहा है कि मानव जीवन की हानि कभी भी स्वीकार्य नहीं हो सकती। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से अपील की है कि वे शांति और संवाद के मार्ग पर लौटें।