झारखंड में आयोजित हो रही आबकारी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक और अभ्यर्थी की मौत की खबर ने राज्य के भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मौत परीक्षा के दौरान हुई घटनाओं की एक और कड़ी है, जहां अभ्यर्थियों की सुरक्षा और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
घटना का विवरण
यह दुखद घटना झारखंड के रांची जिले में हुई, जहां एक अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान बेहोश हो गया और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परीक्षा केंद्र पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यर्थी शारीरिक सहनशक्ति परीक्षा के दौरान बेहोश हो गया था।
यह घटना उस समय हुई जब अभ्यर्थी दौड़ प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे, जो इस परीक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। पहले भी कई अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा के दौरान अस्वस्थ महसूस करने की शिकायत की थी, लेकिन इतनी गंभीर घटना ने सभी को हैरान कर दिया।
बार-बार हो रही हैं ऐसी घटनाएँ
यह कोई पहली बार नहीं है जब झारखंड की भर्ती परीक्षाओं में इस तरह की घटना हुई हो। पिछले कुछ महीनों में इस प्रकार की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है, खासकर शारीरिक सहनशक्ति परीक्षाओं के दौरान। उम्मीदवारों के भारी दबाव और कड़ी शारीरिक चुनौतियों के चलते कई अभ्यर्थी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
कुछ समय पहले भी इसी परीक्षा में एक और अभ्यर्थी की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद प्रशासन ने कुछ समय के लिए परीक्षा को रोक दिया था। लेकिन एक बार फिर ऐसी दुखद घटना ने पूरे राज्य में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल
इस घटना ने परीक्षा प्रक्रिया में स्वास्थ्य और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे शारीरिक परीक्षाओं के दौरान अभ्यर्थियों की शारीरिक स्थिति की पहले से जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा, परीक्षा स्थल पर चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
परीक्षा में भाग लेने वाले कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें परीक्षा के लिए उचित स्वास्थ्य जांच और मार्गदर्शन नहीं मिला। इसके अलावा, शारीरिक परीक्षा के दौरान भी वहां पर्याप्त चिकित्सा सहायता मौजूद नहीं थी, जो इन घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती थी।
परिवार का दर्द और गुस्सा
मृतक अभ्यर्थी के परिवार में शोक का माहौल है। उन्होंने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मृतक के परिजनों का कहना है कि अगर परीक्षा स्थल पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा होती और अभ्यर्थियों की स्वास्थ्य स्थिति की सही ढंग से जांच की जाती, तो शायद यह दुर्घटना टल सकती थी।
मृतक अभ्यर्थी के पिता ने कहा, "हमने अपने बेटे को सरकारी नौकरी की उम्मीद में परीक्षा के लिए भेजा था, लेकिन अब वह हमारे बीच नहीं है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और ऐसी लापरवाहियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।"
प्रशासन का रुख
इस दुखद घटना के बाद राज्य सरकार और परीक्षा आयोग के अधिकारियों ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि अभ्यर्थी की मृत्यु गर्मी और अत्यधिक शारीरिक परिश्रम के चलते हुई हो सकती है।
हालांकि, प्रशासन का कहना है कि सभी आवश्यक चिकित्सा उपाय परीक्षा स्थल पर मौजूद थे और उन्होंने पूरी कोशिश की कि किसी भी अभ्यर्थी को कोई समस्या न हो। लेकिन परिवार और अन्य अभ्यर्थियों के आरोपों को देखते हुए प्रशासन अब इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
भविष्य की राह
यह घटना झारखंड के भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है। शारीरिक परीक्षाओं के दौरान अभ्यर्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही, सरकार को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों की शारीरिक फिटनेस की जांच पहले से की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इसके अलावा, विशेषज्ञों का सुझाव है कि शारीरिक परीक्षाओं के दौरान अभ्यर्थियों को उचित प्रशिक्षण और समय दिया जाना चाहिए, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से परीक्षा के लिए तैयार हो सकें।